गुप्ता जी ने रस्ते में बैठा भिखारी से कहा,
“भीख मांगते हुए तुम्हें शर्म आनी चाहिए।
मेरे साथ चलो, मेरे घर काम करना।
मैं तुम्हें दिन के तीन सौ रुपये दूंगा।”
भिखारी ने कहा, “अच्छा ठीक है, तुम मेरे साथ बैठ जाओ।
मैं तुम्हें दिन के पाँच सौ रुपए दूंगा।”