सुबह का सूरज शाम का चाँद हो तुम,
चेहरे की चमक होठों की मुस्कान हो तुम,
पागल हैं ये दिल बस आपकी आशिक़ी में,
फिर क्यों न कहू की मेरी जान हो तुम।
सुबह का सूरज शाम का चाँद हो तुम,
चेहरे की चमक होठों की मुस्कान हो तुम,
पागल हैं ये दिल बस आपकी आशिक़ी में,
फिर क्यों न कहू की मेरी जान हो तुम।