पहले बात इतना करते थे की बाते ख़त्म नहीं होती थी,
और एक दिन बात नहीं हुई तो पुरा दिन अच्छा नहीं जाता था,
पर अब तो बाते ही नहीं होती।
पहले बात इतना करते थे की बाते ख़त्म नहीं होती थी,
और एक दिन बात नहीं हुई तो पुरा दिन अच्छा नहीं जाता था,
पर अब तो बाते ही नहीं होती।